(कर्म को प्रधान रूप से कहने के लिए कर्मवाच्य का प्रयोग होता है। कर्मवाच्य में कर्ता में तृतीया, कर्म में प्रथमा तथा क्रिया कर्म के अनुसार चलती है। सकर्मक धातुओं का ही कर्मवाच्य में प्रयोग होता है तथा धातु...
1. के लिए के अर्थ में चतुर्थी विभक्ति होती है। 2. जिसको नमस्कार करते हैं उसमें चतुर्थी विभक्ति होती है। 3. जिसको दिया जाता है उसमें चतुर्थी विभक्ति होती है। 4. अलम के योग में चतुर्थी विभक्ति होती है।
1 अहम् गच्छामि | I go 2 आवां गच्छावः We two go 3 वयं गच्छामः We go 4 त्वं गच्छसि You go 5 युवां गच्छथः You two go 6 यूयं गच्छथ You go 7 सः गच्छति He goes 8 तौ...