अपादान कारक जब संज्ञा या सर्वनाम के किसी रूप से किन्हीं दो वस्तुओं के अलग होने का बोध होता है, तब वहां अपादान कारक होता है। अपादान कारक का विभक्ति चिन्ह = से (अलग होना अर्थ में)...
वृद्धि सन्धि (वृद्धिरेचि)— यदि 'अ' या 'आ' के बाद 'ए' या 'ऐ' आए तो दोनों के स्थान पर 'ऐ' एकादेश हो जाता है। इसी तरह 'अ' या 'आ' के बाद 'ओ' या 'औ' आए तो दोनों के स्थान पर 'औ' एकादेश...