सम्प्रदान का अर्थ ‘देना’ होता है। जब वाक्य में किसी को कुछ दिया जाए या किसी के लिए कुछ किया जाए तो वहां पर सम्प्रदान कारक होता है।सम्प्रदान कारक के विभक्ति चिन्ह = '' के लिए'' या '' को '' हैं।सम्प्रदान...
स्वर = अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ इ+अ = य ई+अ= य इ, ई के बाद क्रमशः स्वर आने पर (यि, यी, यु, यू, यृ, ये, यै, यो, यौ) उ +अ = व ऊ+अ= व उ, ऊ के बाद स्वर आने पर क्रमशः ( वि, वी, वु, वू, वृ,...
विकार अर्थ में विभक्ति जिस अंग के विकार से शरीर में विकृति लक्षित हो (दिखाई दे) उस अंग में तृतीया विभक्ति होती है। नेत्रेण अन्धः अस्ति = आंख से अन्धा है। क्रिया की विशेषता...