(क) इ या ई के आगे कोई विजातीय (असमान) स्वर होने पर इ या ई को ‘य्’ हो जाता है। (ख) उ या ऊ के आगे किसी विजातीय(असमान) स्वर के आने पर उ या ऊ को ‘व्’ हो जाता है। (ग) ‘ऋ’...
संस्कृत में तीन वाच्य होते हैं- कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य और भाववाच्य। कर्तृवाच्य में कर्तापद प्रथमा विभक्ति का होता है।= छात्रः श्लोकं पठति- यहाँ छात्रः कर्ता है और प्रथमा विभक्ति में है। कर्तृवाच्य...