संस्कृत में तीन वाच्य होते हैं- कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य और भाववाच्य। कर्तृवाच्य में कर्तापद प्रथमा विभक्ति का होता है।= छात्रः श्लोकं पठति- यहाँ छात्रः कर्ता है और प्रथमा विभक्ति में है। कर्तृवाच्य...
कर्ता कारक क्रिया को करने वाले को कर्ता कहते हैं , अर्थात् जिस किसी भी वाक्य में जो शब्द उस वाक्य में वर्तमान क्रिया को कर रहा है वह उस वाक्य का 'कर्ता ' है उदाहरण =...
अपादान कारक जब संज्ञा या सर्वनाम के किसी रूप से किन्हीं दो वस्तुओं के अलग होने का बोध होता है, तब वहां अपादान कारक होता है। अपादान कारक का विभक्ति चिन्ह = से (अलग होना अर्थ में)...